हिंदू धर्म के पवित्र पंचांग में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। 2024 में पूर्णिमा किस तारीख को है? वर्ष 2024 में माघ पूर्णिमा 23 फरवरी को मनाई जाएगी। इस पावन तिथि पर लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों या स्नान घाटों में स्नान, दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
पवित्र स्नान का फल – माघ पूर्णिमा स्नान
माना जाता है कि इस पवित्र जल में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मन-मस्तिष्क शुद्ध होते हैं। प्रमुख तीर्थस्थलों, जैसे हरिद्वार, प्रयागराज और उज्जैन में लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और क्षिप्रा नदियों में स्नान करते हैं। साथ ही, घर के पास किसी पवित्र जलस्रोत या स्नान घाट में भी इस स्नान का फल प्राप्त किया जा सकता है।
माघ पूर्णिमा 2024 तारीख और समय:
माघ पूर्णिमा कब है 2024 में ? माघ पूर्णिमा 23 फरवरी 2024 को शाम 3 बजकर 36 मिनट पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। उदयकाल में पूर्णिमा तिथि 24 फरवरी को होने के कारण माघ पूर्णिमा का व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा। इस पवित्र दिन विशेष मुहूर्त और दिव्य योग का भी निर्माण हो रहा है, जो धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
शुभ मुहूर्त:
-
- अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक
-
- विजय मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 1 बजकर 08 मिनट तक
-
- अमृत मुहूर्त – दोपहर 1 बजकर 08 मिनट से दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक
Read More: GANESH CHATURTHI VRAT (SHUKLA) SIGNIFICANCE AND BENEFITS
माघ पौर्णिमा दिव्य योग:
-
- सर्वार्थ सिद्धि योग – 24 फरवरी, सुबह 5 बजकर 26 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 50 मिनट तक
-
- गुरु पुष्य योग – 24 फरवरी, शाम 3 बजकर 36 मिनट से अगले दिन शाम 8 बजकर 47 मिनट तक
-
- रवि योग – 24 फरवरी, सुबह 6 बजकर 50 मिनट से सुबह 7 बजकर 34 मिनट तक
ये शुभ मुहूर्त और दिव्य योग स्नान, दान, पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और ध्यान आदि कार्यों के लिए अत्यंत फलदायी माने जाते हैं।
धार्मिक महत्व और मान्यताएं:
माघ पूर्णिमा के साथ कई धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। इसलिए, भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का भी इस दिन विशेष महत्व है। साथ ही, यह माना जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन किए गए दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़कर मिलता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करना भी पुण्य का काम माना जाता है।
माघ पूर्णिमा का महत्व:
इस दिन मन को शांत करने, ध्यान लगाने और आत्मनिरीक्षण करने का प्रयास किया जाता है। माघ पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व भी कम नहीं है।
आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती माघ पूर्णिमा
जहां माघ पूर्णिमा बाहरी शुद्धता लाने के लिए पवित्र स्नान का आह्वान करती है, वहीं इसका उद्देश्य आंतरिक आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करना है। आइए देखें कैसे:
मन की शुद्धि और एकाग्रता:
इस पावन अवसर पर ध्यान, मंत्र जप और आध्यात्मिक ग्रंथों का पाठ मन की अशांति को दूर करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होते हैं। शांत वातावरण में बैठकर गृहणी पाठ, विष्णु सहस्रनाम या अन्य मंत्रों का जप करने से आत्मिक शांति मिलती है। इस दिन योगासन और प्राणायाम का अभ्यास भी मन को संतुलित कर आध्यात्मिक यात्रा को सुगम बनाता है।
पाप नाश और पुण्य अर्जन:
माघ पूर्णिमा पाप कर्मों से मुक्ति पाने और पुण्य का संचय करने का पावन अवसर है। स्नान के दौरान गायत्री मंत्र का जप और सूर्य देव को अर्घ्य देने से अशुभ कर्मों का नाश होता है। साथ ही, दान-पुण्य का महत्व भी इस दिन और बढ़ जाता है। गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों की सहायता करना पुण्य फलदायी माना जाता है।
Read More: GAYATRI MANTRA FOR NAVAGRAHA: MEANING, IMPORTANCE AND BENEFITS
विष्णु भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति:
माघ पूर्णिमा को भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार के प्रकट होने का दिन माना जाता है। इसलिए, इस दिन विष्णु जी की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। शेषशायी विष्णु जी की मूर्ति का अभिषेक, तुलसी दल का अर्पण और विष्णु पुराण के पाठ से आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
संयम और आत्मनिरीक्षण का व्रत:
माघ पूर्णिमा व्रत आत्मसंयम का भी व्रत होता है। इस दिन क्रोध, लोभ, मोह और ईर्ष्या जैसे नकारात्मक भावों को त्याग कर सकारात्मक विचारों को अपनाने का संकल्प लिया जाता है। आत्मनिरीक्षण के माध्यम से अपने कमियों को पहचान कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है। इस प्रकार, पूर्णिमा न केवल बाहरी पवित्रता बल्कि आंतरिक शुद्धता और आध्यात्मिक विकास का भी पावन अवसर प्रदान करती है।
निष्कर्ष
माघ पूर्णिमा धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व से परिपूर्ण पावन अवसर है। पवित्र स्नान, दान-पुण्य, पूजा-पाठ और आध्यात्मिक साधना के माध्यम से, इस दिन जीवन को शुभता, सफलता और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। आइए, इस पावन दिन को धर्म-कर्म के साथ-साथ आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का भी व्रत लेकर मनाएं।
ट्रेंडिंग प्रश्न और उत्तर
1. माघ पूर्णिमा किस नक्षत्र में होगी?
माघ पूर्णिमा 2024 को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगी।
2. क्या माघ पूर्णिमा पर उपवास रखना अनिवार्य है?
माघ पूर्णिमा पर उपवास रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कई श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं।
3. माघ पूर्णिमा के दिन किन मंत्रों का जप करना चाहिए?
माघ पूर्णिमा के दिन गायत्री मंत्र, विष्णु सहस्रनाम, महामृत्युंजय मंत्र आदि का जप करना शुभ माना जाता है।
4. माघ पूर्णिमा पर किन देवताओं की पूजा की जाती है?
माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, सूर्य देव और गंगा माता की विशेष पूजा की जाती है।